Large Cap Mid Cap and Small Cap in Hindi

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What is Large Cap mid cap and Small Cap in hindi | Difference between Large Cap Mid Cap and Small Cap in Hindi |

दोस्तों आज हम Large Cap, Mid Cap and Small Cap के बारे में बात करेंगे । लेकिन इस ब्लॉग को शुरू करने से पहले आपको Market Capitalization के बारे में पता होना चाहिए कि Market Capitalization क्या है ? अगर आपको नहीं पता कि Market Capitalization क्या है ? तो आप मेरा Market Capitalization वाला ब्लॉग पढ़ सकते हो ।

Large Cap, Mid Cap and Small Cap किसी कंपनी या स्टॉक की Market Capitalization के हिसाब से Decide होता है । वैसे तो मैंने Market Capitalization के ऊपर ब्लॉग बनाया है । लेकिन अभी मैं आपको उसका एक छोटा सा Part समझा देता हूँ । Market Capitalization किसी भी कंपनी का शेयर प्राइस और उस कंपनी के पास कितने शेयर है इस से Decide होता है । Market Capitalization = Share Price X Total no. of shares

जैसे कि आप ऊपर देख ही रहे हो कि Market Capitalization कैसे तय होता है। अगर किसी इंसान को कोई कंपनी खरीदनी है तो जो उस कंपनी का Market Capitalization होगा उस Price पर कंपनी खरीदी जा सकती है । तो चलो अब Large Cap, Mid Cap and Small Cap के बारे में बात करते है ।

What is Large Cap mid cap and Small Cap in hindi

1) Large Cap

Large Cap कंपनी वह कंपनी होती है जिसकी Market Capitalization 10,000 करोड़ से ज्यादा होती है । Large Cap कंपनी काफी संतुलित कंपनी होती है । Large Cap कंपनी का मार्किट में काफी दबदबा होता है । Large Cap कंपनी को हम अच्छी कंपनी भी कह सकते है क्योंकि Large Cap कंपनी में काफी लोगों का पैसा लगा होता है । यहाँ मैंने आपको Large Cap कंपनी के बारे में बताया है कि जो कंपनी 10,000 करोड़ से ज्यादा कि Market Cap रखती है वह Large Cap कंपनी में आती है । पर अगर हम SEBI के हिसाब से देखे तो Large Cap कंपनी वह कंपनी है जो top 1 से 100 के बीच में आती हैं । दोनों चीज़े ही ठीक है क्योंकि टॉप 100 में वह कम्पनियाँ ही रहेगी जिनकी Market Cap करोड़ से ऊपर की होगी ।

ReturnsRiskLiquidityVolatilityInstitutional InvestorsExamples
ModerateLowVery HighLowVery HighReliance, TCS, Hindustan Unilever

ऊपर मैंने आपको Table दिया है जिससे आपको पता लग जायेगा कि जो Large Cap कंपनी उनकी Performance कैसी है ।

i) Return

Large Cap कंपनी में आपको Return Medium देखने को मिलेगा क्योंकि यह कंपनियाँ पहले से अच्छा Perform कर चुकी है । इनका Business काफी हद तक Settle हो चुका है । Business Settle होने के कारण यह कंपनी अब अपने Business को ज्यादा नहीं बढ़ा सकती ।

ii) Risk

Large Cap कंपनी में रिस्क बहुत ही कम होता है । क्योंकि काफी लोगो ने Large Cap कंपनी में पैसा लगाया होता है और इनका Business बहुत ज्यादा होने के कारण लोगों का लगाया हुआ पैसा बहुत ही कम डूबता है ।

iii) Liquidity

Liquidity यानि कि खरीदारी । मतलब कि अगर आपने किसी कंपनी के शेयर लिए हुए है, तो वह शेयर मार्किट में बिकेंगे भी के नहीं । आपने शेयर ले तो लिया पर जब बेचने का समय आया तो उससे खरीदने वाला कोई है ही नहीं । ऐसे में आपका लगाया हुआ पैसा बर्बाद हो जायेगा । Large Cap कंपनी में Liquidity बहुत ही ज्यादा होती है । यानि कि जो अपने Large Cap स्टॉक आपने लिए है जब आप उन्हें बेचने जाओगे तो आपको हमेशा कोई न कोई खरीदार मिल ही जायेगा । इसलिए इसमें लगाया हुआ पैसा बहुत ही कम डूबता है ।

iv) Volatility

Volatility यानि की किसी स्टॉक या शेयर का बढ़ना और गिरना । Large Cap में Volatility बहुत ही कम होती है । यानि कि जब स्टॉक मार्किट मतलब पूरी मार्किट ही डूब रही होती है तो Large Cap स्टॉक गिरते तो है लेकिन बाकि की तुलना में बहुत ही कम गिरते है ।

v) Institutional Investors

Institutional Investors मतलब कि बड़े खिलाड़ी जो बहुत सारा पैसे ले कर आते है । वह 1 लाख या 10 लाख नहीं बल्कि करोड़ो रुपये ले कर आते है । Large Cap में हमें Institutional Investors बहुत ज्यादा देखने को मिलते है क्योंकि उन्हें पता होता है कि उनका लगाया हुआ पैसे डूबेगा नहीं ।

2) Mid Cap

Mid Cap कंपनी वह कंपनी है जिनकी Market Cap 2000 करोड़ से 10,000 करोड़ तक होती है । Mid Cap कंपनी ने अपने आप को संतुलित तो कर लिया होता है, पर अभी भी उसकी उतनी Growth नहीं हुई होती कि वह मार्किट में अपना दबदबा बना सके । इसलिए इन कंपनियों में हमें अगर Growth देखने को मिलती है तो एक दम ही Growth को मिलती है । अगर हम SEBI की बात करें तो जो कम्पनियाँ 101 से लेकर 250 Number के बीच में आती है वह कंपनी Mid Cap कंपनी होती है ।

ReturnsRiskLiquidityVolatilityInstitutional InvestorsExamples
HighHighHighLowHighIndustries, Colgatte, ACC, Apollo tyres etc.

i) Return

Mid Cap कंपनी में Return Potential बहुत ज्यादा होता है । क्योंकि यह कंपनी एक Mid Cap है अगर ये अच्छा करती है तो फ्यूचर में ये Mid Cap से Large Cap बन सकती है । इन्होने अपना Business अच्छी तरह से Set कर लिया होता है और सेट करने के बाद यह कंपनी अपने आप को ओर Sector में बांट देती है। जिस वजह से इसके Growth करने के ज्यादा Chance होते है ।

ii) Risk

Mid Cap कंपनी में जोखिम थोड़ा ज्यादा होता है क्योंकि क्योंकि Mid Cap ने अपना बिज़नेस सेट ही किया होता है और इस बात कि Guarantee नहीं होती कि वह भविष्य में अच्छा करेगी के नहीं ।

iii) Liquidity

Mid Cap कंपनी में Liquidity अच्छी रहती है । ऐसे बहुत ही कम देखने को मिलता है कि अपने कोई Mid Cap स्टॉक लिया और लेने के बाद उससे आप बेच नहीं पा रहे हो ।

iv) Volatility

Mid Cap कंपनी में वोलैटिलिटी हाई होती है । जब मार्किट गिरती है तो Mid Cap कंपनी Large Cap कंपनी के मुकाबले ज्यादा गिरती है । इसमें Volatility 2% से लेकर 5% तक देखने को मिलती है ।

v) Institutional Investors

Mid Cap होने के कारण ये कंपनी Stable और इसमें Growth के Chances ज्यादा होते है, इसलिए इसमें Institutional Investor अपनी Investment ज्यादा करते है ।

What is Large Cap mid cap and Small Cap in hindi

3) Small Cap

Small Cap कंपनी वह कंपनी होती है जिनकी Market Cap 2000 करोड़ से कम होती है । Small Cap कंपनी में ज्यादातर नई कंपनी और छोटी कंपनी आती है । Small Cap कंपनियों में ही ज्यादा पैसे बनता है और डूबता है, क्योंकि कंपनियाँ नई होती है और नई होने के कारण हमें नहीं पता होता कि कंपनी भविष्य में अच्छा करेगी या बुरा । SEBI के हिसाब से जो कंपनियाँ 250 Number से ऊपर आती है हमारी स्टॉक मार्किट में वह कंपनियाँ Small Cap कंपनियाँ कहलाती है ।

ReturnsRiskLiquidityVolatilityInstitutional InvestorsExamples
Very HighVery HighLowVery HighVery LowArmaan Finance, JK Papers, Bajaj Consumer Care

i) Return

Small Cap कंपनी नई होने के कारण इसमें Return की उम्मीद बहुत ज्यादा होती है । अगर कंपनी अच्छा काम करती है तो यही कंपनियाँ आगे जा कर Small Cap से Mid Cap और Mid Cap से Large Cap में आती है । अगर ऐसा होता है तो जो आपकी Investment आपको बहुत ही ज्यादा Return निकाल कर देती है ।

ii) Risk

Small Cap कंपनियों में जोखिम बहुत ही ज्यादा होता है । हमें इन कंपनियों का नहीं पता होता कि यह कंपनियाँ भविष्य में कैसा करेगी ।

iii) Liquidity

Small Cap कंपनियो में Liquidity बहुत ही कम होती है । कई बार देखने को मिला है कि Small Cap में लिए हुए स्टॉक को बाद में बेचने में बहुत ही दिक्कत होती है, क्योंकि एक तो कंपनी नई होती है अगर वह अच्छा नहीं करती तो उस कंपनी के स्टॉक को कोई खरीदना पसंद नहीं करता जिस वजह से Investor का पैसा कई बार फस जाता है ।

iv) Volatility

Small Cap कंपनियों कि Volatility बहुत ही ज्यादा होती है । अगर स्टॉक मार्किट गिरती है तो यह कंपनियाँ 10% से लेकर 20% तक गिर जाती है ।

v) Institutional Investors

Small Cap कंपनियों में Institutional Investor अपना पैसे या अपनी Investment करना पसंद नहीं करते । इस वजह से इन कंपनियों में Institutional Investor कि गिनती बहुत ही कम होती है ।

दोस्तों अगर आपको ये ब्लॉग अच्छा लगा तो लाइक और शेयर करे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को Large Cap, Mid Cap and Small Cap के बारे में पता लग पाए । अगर आप अपनी Financial Knowledge को बढ़ाना चाहते है तो आप Roop Fin यानि कि हमारे साथ जुड़े रहें ।

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