Stock Market in Hindi

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हेलो दोस्तो, कैसे हो आप सब ? उम्मीद है, आप सब ठीक होंगे। अगर आप शेयर मार्किट Share Market या स्टॉक मार्किट Stock Market के बारे में सीखना चाहते हैं तो आप बिलकुल ठीक जगह आए हो। आज के इस ब्लोग को पढ़ने के बाद आपको शेयर मार्किट Share Market के बारे में पता लग जाएगा कि शेयर मार्किट क्या है।

ब्लोग को शुरू करने से पहले मैं आपको बता दूँ कि शेयर मार्किट Share Market का नाम काफी बदनाम है। आपको अपने माता पिता या आस पास के लोगों से सुनने को मिला होगा कि शेयर मार्किट में पैसे मत लगाना इसमें आपका पैसा डूब सकता है। आपने ये भी सुना होगा कि शेयर मार्किट एक जुए की तरह है अगर आपकी किस्मत अच्छी हुई तो आपका पैसा बन जाएगा लेकिन अगर आपकी किस्मत बुरी हुई तो आपका पैसा डूब सकता है। लोग ऐसा इसलिए कहते है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि वह शेयर मार्किट में क्यों और क्या करने आए हैं। आज मैं आपको इस ब्लॉग के जरिये ये बताऊँगा कि शेयर मार्किट क्या है ? क्यों आपको शेयर मार्किट से डरना नहीं चाहिए

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शेयर मार्किट, स्टॉक मार्किट या इक्विटी मार्किट Equity Market इन तीनो का मतलब एक ही है । शेयर मार्किट दो शब्दो को मिला के बना है । पहला शब्द शेयर और दूसरा शब्द मार्किट, जिसमे शेयर का मतलब है हिस्सा और मार्किट का मतलब है बाजार जहाँ चीज़े खरीदी या बेचीं जाती है। शेयर मार्किट में आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते या बेचते हो। शेयर खरीदने का मतलब है आप किसी कंपनी में अपना पैसा लगा रहे हो।

उन पैसो के बदले में वह कंपनी आपको अपनी कंपनी का कुछ हिसा आपको दे कर आपको उस कंपनी का मालिक बना देती है । अब अगर कंपनी अच्छा करेगी तो आपको फायदा होगा आपका लगाया हुआ पैसा बढ़ेगा और अगर कंपनी का नुकसान होगा तो आपका लगाया हुआ पैसा भी कम हो जायेगा। इसी के आधार पर यह कहा जाता है कि आप कंपनी के शेयर खरीद या बेच नहीं रहे हो बल्कि आप कंपनी की Ownership ख़रीदा या बेच रहे हो ।

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अब मैं आपको ये बताऊँगा की कंपनी अपने शेयर या कंपनी अपना हिस्सा लोगों को क्यों देती है। मान लो एक कंपनी है xyz । ये कंपनी एक बहुत ही अच्छी कंपनी है और काफी पैसे बनाती है लेकिन वह कंपनी अपना काम या बिज़नेस बढ़ाना चाहती है । उस कंपनी के पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपना बिज़नेस बड़ा सके या एक ब्रांच की जगह काफी जगह अपनी ब्रांच खोल सके । तो वह अपनी कंपनी का हिस्सा लोगो को दे देती है शेयर के रूप में।

जैसे की xyz कंपनी को 1 करोड़ रूपए चाहिए अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए । xyz कंपनी के पास सिर्फ 60 लाख रूपए है । बाकि के 40 लाख रूपए को पाने के लिए कंपनी लोगों से पैसे इकठा करेगी कंपनी के शेयर को बेच कर। xyz कंपनी अपनी कंपनी को 1,00,000 हिसो में बांट देगी 100 रूपए के हिसाब से । जिसमें से कंपनी अपने पास 60,000 शेयर रख लेगी क्योंकि कंपनी के पास 60 लाख रूपए है । बाकि के 40 लाख वह लोगों से इकठा करेगी अपनी कंपनी के 40,000 टुकड़ो को लोगो को दे कर । ज्यादातर कंपनी अपनी कंपनी के ज्यादा से ज्यादा शेयर अपने पास रखती है। ऐसा वह इसलिए करती है क्योंकि अगर कंपनी अपने सारे शेयर लोगो को दे देगी तो वह अपना हक़ खो देगी अपनी ही कंपनी में।

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तक़रीबन हर देश की अपनी एक्सचेंज Stock Exchange होती है। स्टॉक एक्सचेंज Stock Exchange मतलब जहाँ कंपनी अपने आप को लिस्ट या रजिस्टर करवाती है और जहाँ कंपनियों के शेयर ख़रीदे या बेचे जाते है। इंडिया में दो स्टॉक एक्सचेंज है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज Bombay Stock Exchange जिसमें तक़रीबन 5300 कंपनिया रजिस्टर्ड है और दूसरी है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज National Stock Exchange जिसमें तक़रीबन 2100 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है।

इतनी सारी कंपनी रजिस्टर्ड होने पर अगर हमें पता लगाना है कि हमारी स्टॉक मार्किट कैसा (Perform) कर रही है । क्या अभी स्टॉक मार्किट मे प्राइस ऊपर जा रहा या नीचे ये पता लगाने के लिए हमारी स्टॉक मार्किट मे दो चीज़ो को बनाया गया है जिनका नाम है सेंसेक्स Sensex और निफ़्टी 50 Nifty 50 । सेंसेक्स Sensex यानि की Sensitivity Index ये हमें Bombay Stock Exchange की टॉप 30 कंपनियों के बारे में बताता है।

यानि कि Bombay Stock Exchange में टॉप 30 कम्पनिया कैसा कर रही है। अगर सेंसेक्स ऊपर जा रहा है तो Bombay Stock Exchange कि टॉप 30 कम्पनियाँ अच्छा परफॉर्म कर रही है। अगर यह नीचे जा रहा तो BSE की टॉप 30 कम्पनियाँ अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही है। अब दूसरा है निफ़्टी 50 Nifty 50 हमें National Stock Exchange कि टॉप की 50 कंपनियों के बारे में बताता है कि इन में टॉप 50 कंपनिया कैसे परफॉर्म कर रही है अगर nifty 50 नीचे जा रहा है तो National Stock Exchange कि टॉप 50 कंपनिया अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही है।

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शेयर को खरीदने या बेचने के लिए किन चीज़ो की जरूरत होती है । शेयर्स को खरीदने या बेचने के लिए हमें 3 चीज़ो की जरुरत होती है।

1) सेविंग अकाउंट (Saving Account)

2) डीमैट अकाउंट (Demat Account)

3) ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account)

1) Saving Account

Saving Account के जरिए आप अपने पैसे से शेयर खरीद या बेच सकते हो और बेचने के बाद दुबारा उस पैसे को अपने बैंक अकाउंट में ले सकते हो।

2) Demat Account

Demat Account इसलिए चाहिए होता है क्योंकि अपने जो शेयर लिए होते है उनका रिकॉर्ड Digital रखने या Store करने के लिए चाहिए होता है। अपने कौनसे शेयर ख़रीदा है और कितने का ख़रीदा है इन सब चीज़ो को डिजिटल स्टोर करने के लिए डीमैट अकाउंट चाहिए होता है।

3 Trading Account

Trading Account इसलिए चाहिए होता है क्योंकि इसके माध्यम से हम शेयर खरीद या बेच सकते है।

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अब मैं आपको ये बताऊँगा कि स्टॉक मार्किट का नाम क्यों बदनाम है, क्यों लोग इसे जुआ कहते है। लोग इससे जुआ लिए कहते है क्योंकि वह इस मार्किट में किसी के कहने पर आए होते है और उन्हें बिलकुल नॉलेज नहीं होती उन्हें क्या करना है। उन्हें सेंसेक्स, निफी 50, बोनस शेयर्स, स्टॉक स्प्लिट आदि इन सब के बारे में नहीं पता होता है और ज्यादातर लोग इसी वजह से स्टॉक मार्किट में अपना पैसा गँवा देते है और कहते है कि स्टॉक मार्किट बिलकुल बेकार चीज़ है।

आखिर में मैं आपको इतना ही कहूँगा कि आप हमारे इस ब्लॉग या वेबसाइट Website से जुड़े रहें तो आपको इन्वेस्टिंग के रिगार्डिंग हर नॉलेज मिलेगी। दोस्तों अगर यह ब्लॉग आपको अच्छा लगा तो इस ब्लॉग को लाइक और शेयर कीजिये ताकि और लोगो को भी पता लगे कि शेयर मार्किट क्या है।

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